प्राचार्य की कलम से .......................
दुर्ग जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अनेक सन्दर्भां में बड़े और विशिष्ट शासकीय दानवीर तुलाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय उतई में आपका आत्मीय स्वागत है। यह महाविद्यालय 16 अगस्त 1989 को स्थापित हुआ। रजत जयन्ती मनाकर, 30 वर्ष की अपनी उन्नति, निरन्तर प्रगति को पूर्ण कर यह महाविद्यालय अपने स्वर्णिम लक्ष्य की ओर अग्रसर है। अनेक विशिष्ट उपलब्धियों से सम्पन्न इस महाविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (NAAC) ने ’बी’ ग्रेड प्रदान कर सम्मानित किया है।
हमारा शासकीय दानवीर तुलाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय उतई गाँव और शहर के मिलन बिन्दु पर अवस्थित है। यहाँ अध्ययनरत् ज्यादातर छात्र-छात्राएँ ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं। महात्मा गाँधी ने कहा था कि भारत गाँवों का देश है और इसकी आत्मा गाँवों में निवास करती है। शिक्षा और ज्ञान-विज्ञान के प्रसार से हमारा महाविद्यालय इस ग्रामीण क्षेत्र में नयी चेतना फैलाने का कार्य कर रहा है। हमारा उद्देश्य है कि भूमंडलीकरण के इस दौर में वैश्विक ज्ञान और चिंतन की परंपरा से गाँव की गलियाँ आलोकित हों तथा हमारे छात्र-छात्राओं की भारतीय सम्यता और संस्कृति की महान परंपरा में गहरी पैठ हो। उनकी दृष्टि क्षेत्रीय विशिष्टताओं को समाहित किये हुए वैश्विक स्तर की हो। शिक्षा सिर्फ रोजगार का साधन बनकर ही न रह जाये, बल्कि व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व को रुपान्तरित करने का जरिया बने। वह विद्यार्थियों को सफल मनुष्य के साथ-साथ सार्थक इन्सान भी बनाये। वह उनमें तार्किकता, बौद्धिकता, विवेकपरकता, सहिष्णुता और वैज्ञानिक दृष्टि का विकास करे। शिक्षा सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का माध्यम न होकर अपने आस-पास के परिवेश, समय, समाज, राष्ट्र और विश्व की सही समझ पैदा करे। उत्तर सत्य के इस युग में वह सत्य की तलाश की ओर विद्यार्थियों को उन्मुख करे।
यह गौरव की बात है कि हमारे महाविद्यालय में छात्राओं की संख्या ज्यादा है। छात्राओं का शिक्षित होना समस्त परिवार और भविष्य की पीढ़ियों के शिक्षित होने की गारंटी है। ग्रामीण क्षेत्र से आने के कारण हमारे विद्यार्थी सरल, सहज एवं परिश्रमी हैं। अध्ययन के साथ खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी वे अग्रणी हैं। हमारे समस्त शिक्षक पठन-पाठन एवं शोध में गहरी रुचि रखते हैं। कर्मचारियों में संस्था के प्रति समर्पण का भाव है। हमें आशा ही नहीं, प्रबल विश्वास है कि अपने परिश्रमी और मेधावी छात्र-छात्राओं, विद्वान शिक्षकों एवं समर्पित कर्मचारियों की सक्रियता, पालकों के सुझावों एवं दूरदर्शी जनप्रतिनिधियों के सहयोग और समर्थन से इस महाविद्यालय को ग्रामीण क्षेत्र का एक आदर्श एवं श्रेष्ठ महाविद्यालय के रुप में विकास कर पायेंगे।
उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं सहित।
(डॉ. कोमल सिंह शार्वां)
प्राचार्य
शासकीय दानवीर तुलाराम स्नातकोत्तर
महाविद्यालय उतई, जिला-दुर्ग (छ.ग.)