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शासकीय महाविद्यालय उतई की स्थापना सन 16 अगस्त 1989 को कला संकाय के साथ की गई । वर्ष 1990 से महाविद्यालय में विज्ञान संकाय प्रारंभ हुआ | ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के मिलन बिन्दु पर उतई स्थित है। अत: यहॉं पर दोनो ही क्षेत्र के विद्यार्थियों व्दारा प्रवेश लिया जाता है । महाविद्यालय का उस समय स्वयं का भवन नही था अत: ग्राम पंचायत उतई व्दारा निर्मित भवन में संचालित होता था । समयानुसार विद्यार्थियों की संख्या बढती रही अत: यह भवन छोटा पडने लगा । ततपश्चात विद्यार्थियों एवं पालकों की मांग के कारण राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर सन 1997 मे प्रारंभ हुआ । पुराने भवन में साधन एवं स्थानाभाव के कारण जो सुविधाए छात्र-छात्राओं को प्राप्त होनी चाहिए थी, वह नही हो पा रही थी । इसी बीच सन 1997 में महाविद्यालय के नवीन भवन का शिलान्यास किय गया । महाविद्यालय के नवीन भवन का निर्माण 2001 में पूर्ण हुआ किन्तु यहाँ भी एक समस्या यह रही कि यह नवीन भवन मात्र कला संकाय हेतु निर्मित किया गया । समय के साथ साथ जनभागीदारी व्दारा सन 2003 में हिन्दी एवं समाज शास्त्र की स्नातकोत्तर की कक्षाएं प्रारंभ हुई । वर्तमान में महाविद्यालय में लगभग 1350 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं ।
सन २०१२ से राज्य शासन व्दारा वाणिज्य संकाय एवं जनभागीदारी स्ववित्तीय में वनस्पति शास्त्र की स्नातकोत्तर कक्षाए प्रारम्भ हुई |
जीवन के सर्वोत्कृष्ट मूल्यों के साथ छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व को विकसित करने की दिशा में सतत प्रयत्नशील शासकीय महाविद्यालय उतई का शुभांरभ अगस्त माह, 1989 में उपाधि महाविद्यालय के रूप में हुआ तथा अत्यंत अल्प समय में अपने शैक्षणिक स्तर एवं पाठ्योत्तर गतिविधियों के कारण प्रदेश के शासकीय शिक्षण संस्थाओं में यह एक मील का पत्थर साबित हुआ। महाविद्यालय मे विभिन्न संकायों के वार्षिक परिणाम इस बात के प्रमाण हैं। आज इस महाविद्यालय का पूर्ण कैम्पस वाय – फाय, इंटरनेट एवं मल्टीमीडिया से युक्त पठन – पाठन से इस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहा है।
वर्तमान में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत 8 नए रूसा भवन का निर्माण पूर्णतः की ओर है|